Saturday, June 16, 2012

आख़िरी pasta !

ठीक पिछले साल की तर्ज़ पर  उस साल भी मेरे परम मित्र महादेव ने बॉलीवुड पार्टी के आयोजन करने का निर्णय लिया। और ठीक पिछले साल की ही तरह मुझे भी आमंत्रित किया। पिछले बार के कुछ बुरे अनुभवों के चलते इस बार dj अपदस्थ कर एक नए dj को नियुक्त किया गया था। इस बार का theme 70 के दशक का पहनावा एवं संगीत था।

मैं शुक्रवार को ही महादेव के निवासस्थान पर पहुंच गया था ताकि पार्टी के दिन फ्रेश फ्रेश रहूँ। रात को ही श्रीमान दुबे भी सपरिवार धमक गए थे। रात्री को भक्षण के पश्चात जा सब बैठे तो श्रीमती दुबे ने निवेदन किया की उन्हें horror फिल्म देखनी है, मैंने कहा youtube  पर "वो कौन थी" का बड़ा ज़बरदस्त प्रिंट है उसको देखते हैं। मैंने फिल्म सेट करके लगाई तो दर्शकगन  विद्रोह करने लगे यह कह कर की पिक्चर श्वेत एवं श्याम  हैं, मैंने कहाँ आगे जाकर रंगीन हो जाएगी लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी और ऐसे ही पिक्चर बदलते बदलते समय
 निकलता गया और श्रीमती दुबे का होर्रोर फिल्म देखने का सपना अधूरा ही रह गया।

अगले दिन हम आराम से निंद्रा के आगोश से निकल 10 बजे उठे। हमने मंजन वंजन किया, नाश्ता ठूंसा और उसके पश्चात अपने साजो सामान को लेने मार्केट चले गए। वापास आये तो पुनः भक्षण किया आयर उसके पश्चात पार्टी की त्यारियों मैं लग गए। महादेव डिस्को डांसर बने हुए थे और बाकी सब लोग हिप्पी बने हुए थे।
पार्टी मैं पहुंचे तो इस बार पिछली बार की अपेक्षा संगीत काफी उम्दा था और डांस फ़लूर पर काफी लोग थ्रिअकते हुए नज़र आये। हमने भी पहुँचते ही फोटो session चालू कर दिया और धांय धांय दस बारह फोटुएं खींच डाली।

पार्टी का रंग धीरे धीरे बदने लगा। इस बार का dj काबिले तारीफ़ था, सारे गाने चुनिन्दा थे और पार्टी में आये हुए लोगों को डांस फ़लूर की तरफ आकर्षित कर रहे थे। रम रम व्हिसकी गाने पर तो मैं भी बहुत जोर से नाचा, सारे ही आमंत्रित जन भड़कते हुए संगीत  की धुन पर मनमोहित हुए जा रहे थे। धीरे धीरे खाने का समय करीब आ रहा था, मैं तो हमेशा ही खाने के लिए तत्पर रहता हूँ चूँकि मैं मेजबानों में से एक था इसीलिए मुझे आगाह किया गया की मैं अंत में ही buffet की तरफ जा पाउँगा।महादेव कह रह था की प्रति ग्राहाक सिर्फ सात item ही दिए जायेंगे  लेकिन खाद्य एवं पाद्य  के अनुभव होने के चलते मुझे ज्ञात था की buffet पर आप खाने को सीमित नहीं कर सक। जिसका दर था वही हुआ, buffet का खाना खत्म होने लगा बिल्कुल  उसी तरह जैसे पिरान्हस अपने शिकार को  चट कर जाती हैं। दुबे जी समाचार लेकर आये की पब्लिक बहुत खाना  व्यर्थ कर रही है इसलिए कुछ नियंत्रण लगाना होगा।

मैंने buffet की तरफ नज़र डाली तो पता चला महादेव एवं उनकी श्रीमती buffet के पीछे से खाना परोस रहे है ताकि दिया जाने वाला खाना नियंत्रित  करा जा सके. अब तक मेरे अमाशय में चूहे उछल कूद करने लगे थे, मैं buffet पर पहुंचा तो मुझे कुछ तली हुई टिक्की जैसी दिखाई दी, मैंने दुबे से पुछा की यह क्या है तो बोला  "शामी कबाब है शामी कबाब", हमने कहा गुरु यह बात। गिन कर सात item इस भूखे  कीप्लेट  में ड़ाल  दिए  गए। मैंने थोड़ी टोमाटो ketchup उड़ेली और "शामी कबाब" का जायाका उठाने के लिए तयार हो गया। खा कर देखा तो कुछ समझ में नहीं आया की यह क्या है, हाँ इतना जरूर समझ आ गया था की शामी कबाब नहीं है।

जब शामी कबाब का ऑपरेशन किया तो मालूम पड़ा की chef साहब ने पास्ता (मकारोनी) की fried टिक्कियाँ बनाई हैं। मुझे भी चेफ का काम करते हुए 15 साल हुए है लेकिन ऐसी क्रेअतिविटी मैंने पहले कभी नहीं देखी.


आखिर में यह शामी कबाब खाकर मेरे मुंह से दो शब्द निकले "आखिरी पास्ता ", I am Joking .

It was a successful party and we all enjoyed a  lot and now Mr Mahadev has decided to organise a "bollyowood lite" so there will be no food and only drink and dance which might result me in having no food for thought for my next blog.

2 comments:

  1. Aisa "MAHADEV JEE" hi kar sakte hain Aakhir "DEVON KE DEV" jo hain.

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  2. Bahut hi shandar blog hai, wah maja aa gaya, Akhiri pasta , Aasta la vista baby.

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