Saturday, April 4, 2009

हल्दी वाला अंडा


आजकल इंग्लैंड की होटल industry में भारतीयों की धूम है, मेरे एक मित्र है नथू उनका कहना hai ki  " यह reverse Imperliaism है", वैसे तो यह कहना अतिशयोक्ती होगी पर इस तथ्य मैं कुछ हद तक सच है. मेरे शुभ कदम इस देश में सन २००३ में पड़े, और जिस होटल में मैं काम करने के लिए आया, वह पर हम १४ भारतीय काम कर रहे थे. इस से पहले मैं आगे लिखूं, मैं आप लोगो को होटल इंडस्ट्री का insider's view देना chahoonga.

एक होटल के kitchen में सबसे बड़ा boss होता है head chef उसके बाद sous chef और उसके बाद cdp और उसके बाद commis. Hilton hotel में, जहाँ मैं sous chef था, वहां मेरे साथ ३ अन्य भारतीय chef भी थे, उनमे से एक मेरे अत्यन्त घनिष्ट मित्र उत्तम सिंह रावत., और baki दो थे श्री संजय गुप्ता जी एवं वोहरा साब बम्बई वाले.

जब आप होटल मैं काम करते है तो आप को वही रहने के लिए मिल जाता है, अर्थात आपका घर और कार्यालय सब होटल ही होता है, इसका मतलब यह था की हमारा रोज़ का खाना पीना होटल में ही होता था.

क्यूँकि उस समय मैं बॉस था इसलिए बाकियों की तुलना में मेरे पास कम काम रहता था। सबका रात्रि का भोजन पकाने की जिम्मेदारी मेरी रहती थी। मैं रोज़ सब के लिए अच्छे अच्छे पकवान बनाया करता था, जैसे की बिरयानी, चिक्केन कर्री, सब्ज़ पुलाओ इत्यादि।
डिनर का समय hotel में काफ़ी व्यस्त रहता है, head chef काउंटर पर खडा रह कर orders देता है और बाकि chef खाना बना बना कर उसकी तरफ़ पास करते रहते है। head chef खाना चेक कर के waiters को ले जाने के लिए देता है। चूँकि में दूसरे no का boss था, इसलिए कभी कभी में खाना पास किया करता था।
उन दिनों हम लोगो ने हासिल फ़िल्म देखी थी और हम लोग आपस में उसी शैली में बतियाते थे।
यह किस्सा है, हम चारों अपना काम ख़तम कर चुके थे और पिछले काफ़ी दिनों से मैं सब के लिए पका रह था
तो मैंने कही
गौरव : अबे उत्तम, हम बहुत दिनों से खाना बना रिये है, आज तुम बनाओ, तुमने इंडिया में पेशावरी और जानेमाने restaurants  में काम किया है, आज जरा अपने हाथ के जलवे दिखाओ बे।

उत्तम: हम न बनायेंगे, हमे उत्तरांचल की वेब साईट चेक करनी

गौरव: अबे क्यों बोर कर रहे हो, साला रोज़ तो देखते है उसी वेबसाइट आखित ऐसा क्या entertainment है जो एक दिन नहीं देखोगे तो पहाड़ टूट जाएगा।

उत्तम: अबे हम न बना रहे है, तुम संजय से बोल दो।

हमने आवाज़ लगायी, अबे संजय सुन तो यार...
संजय: हा भइया जी ( इसने भी हासिल १० बार देखी होगी, पर में और उत्तम तो सौ के आसपास पहुंचे वाले थे)

गौरव: अबे यार हम साला रोज़ रोज़ पका के बोर हो गए है, आज तुम खाना बनाओ बे। 
संजय: क्या गौरव भइया मजाक कर रहे है ? अभी pastry साफ़ करनी है, कल का mis en place करना है। आज न हो पायेगा पर कल जरूर बना देंगे।

अब बचे वोहरा साब, हमने कहाँ : अबे संतो(वोहरा साब), यार आज का डिनर तुम बन दोगे क्या?

संतो: क्या बे, तुम्हे हमही मिले, यह उत्तम्वा को बोलो न, बेकार में टाइम खोटी कर रह है, इन्टरनेट पे बैठा हुआ है।

गौरव: चलो बे पप्पू(उत्तम), हमे कल के लिए ordering करनी है, तुम सब के लिए अच्छी सी भुर्जी बना में दो।
उत्तम: क्या साला, तुम न बनाना, आज बना रहे हे लेकिन कल से न बोलना।( हम सब कभी कभी प्यार से एक दूसरे को पप्पू बुलाते थे)

दस मिनट के बाद।
उत्तम: चलो बे खाना तयार है, जिस जिस को खाना है ले ले।

गौरव: थैंक्स यार उत्तम, कल में बना दूंगा।

मैंने pan में देखा तो मुझे उसमे भुर्जी तो नहीं, परन्तु haldi में बनाया हुआ सा omelette जरूर नज़र आया।
मैंने झल्ला कर कहा "अबे यह भुर्जी है या हल्दी वाला अंडा"?

उत्तम: अभी भुर्जी ही तो है!

गौरव: अबे तुम को chef किसने बना दिया, इतना वाहियात खाना। तुम्हारा दिमाग ठिकाने नहीं है, कल से हम ख़ुद ही खाना बनायेंगे, तुम से बोला अच्छी सी भुर्जी बनने को, और तुमने बनाया यह हल्दी वाला अंडा। न इसमे प्याज है, न इसमे टमाटर है, तो यह भुर्जी कईसे हो गई बे?

उत्तम: अबे तुम चुप करो, हमने chopping board धोने के लिए दे दिया था और हमारे पास wait करने का टाइम न है। तुम जो उखाड़ सकते हो उखाड़ लो!

गौरव: तुम बहुत ही निकृष्ट किस्म के व्यक्ति हो, आगे से तुमसे खाना न बनवायेंगे।

उसी दिन के बाद से मैंने रावत जी को डिनर बनने के लिए नहीं बोला। हम चारो chef ने वहा पर एक साल तक साथ काम किया और खूब आनंद भी लिया। उत्तम को तो में पहले से जानता था परन्तु संतो और संजय दो और मित्रो का शुमार मेरी जिंदगी की किताब में हो गया था.

4 comments:

  1. jo biryani bana ke khilayi thi ,wo bhul gaye ,,,haldi wala unda tumhe yaad reh gaya,,,,mare ek lapad ,sari budhi khul jaye.

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  2. dhanvad do hamara, humne tume world main famous kar diya. kal tak sirf hum haldi wala anda karte the, aage poori dunia karegi. bolo to iska bhi video banaya jaaye.

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  3. sahi kaha hai kisi ne ki panwadi kattha, paan, choona, supaari se aage soch nahi sakta. Chef ki dunia bhee kitchen tak hi hoti hai. Anyway, good interesting one. Thoda kitchen se baahar bhee niklo mere chef. Aur bhee bahut kuchh interesting hai aapkee life mein, usko bhee khangalo.

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